रिपोर्ट रोबिन वर्मा।
(सघन बागवानी कर बागवानो को होगा अधिक लाभ, पलायन पर भी काफी हद तक लगेगी रोक )
लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती,, यह वाक्य निखिल नौटियाल पर फिट बैठता है,आपको बता दें कि मात्र 2 वर्ष पूर्व इनके द्वारा उत्तरकाशी जनपद के विकासखण्ड नौगाव के अंतर्गत सुदूरवर्ती गाँव लोदन में सेब की सघन बागवानी लगाकर खेती में एक नई मिसाल पेश करते हुए बागवानों को नई राह दिखाई है। पंद्रह सौ सेब के पेडों की सघन बागवानी से शुरुआत कर जैविक खाद से पोषण देने के साथ अच्छे से देखभाल की, इतने कम समय के अंतराल में सेब के पौधे फलों से इस तरह लद गए हैं जिन्हें देखकर मन बहुत प्रसन्न हो जाता है। सघन बागवानी कर बागवानो को अनेक फायदे होते हैं जिसमें पौधों का आकार छोटा होने के कारण पौधों की कटाई, छंटाई, तुड़ाई के साथ साथ-साथ स्प्रे आदि करना भी आसान हो जाता है जिससे कि फल उत्पादन का खर्चा भी घट जाता हैं। पौधों का आकार छोटे होने के कारण सूर्य की किरणें पौधें की गहराई तक जाती हैं जिससे की अधिकतम प्रकाश संश्लेषण होता है जोकि फलों की गुणवता को बढ़ाता हैं। जब हमारे खबर 7c के संवाददाता रोबिन वर्मा ग्राउंड जीरो पर बागवानी का जायजा लेने पहुंचे तो निखिल नौटियाल ने बताया कि
उबड़ खाबड़ बंजर खेतों में हमारे लिए यह कार्य करना बड़ा चैलेंज था लेकिन यदि हौसले बुलंद हो तो मंजिल एक दिन अवश्य मिल जाती है इस मिशन को लेकर आगे बढ़े और इतने कम समय में जो परिणाम सामने आया है वह वास्तव में आश्चर्यजनक है, उन्होंने बताया कि पहाड़ों में बहुत तेजी से रोजगार को लेकर लोग पलायन कर रहे हैं और अधिकांश भूमि बंजर पड़ गई है जिसमें बागवानी के क्षेत्र में इस तरह के प्लांट लगा कर पलायन पर भी रोक लग सकती है और साथ में घर पर रहकर अच्छा रोजगार भी प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में भी बागवानी की अपार संभावनाएं हैं और जिसको लेकर सरकार की भी अनेक योजनाएं चल रही है।उन्होंने आज की युवा पीढ़ी से स्वरोजगार के साधन अपनाते हुए आगे बढ़ने का आहवान किया।