रिपोर्ट रोबिन वर्मा ।
उत्तरकाशी जनपद के पशु बहुल्य क्षेत्र यमुना घाटी के गोडर , खाटल मैं तीन पशु सेवा केंद्र जुगडगांव, कंडारी, गढ़ खाटल एवं पशु चिकित्सालय डामटा, जहां तीनों पशु सेवा केन्द्रों में पशुधन प्रसार अधिकारीका के पद रिक्त चल रहे हैं साथ ही क्षेत्र का एकमात्र पशु चिकित्सालय डामटा भी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी एवं फार्मासिस्ट के सहारे चल रहा है।
जिला पंचायत सदस्य पूनम थपलियाल ने बताया कि क्षेत्र के लोगों का आजीविका का मुख्य साधन पशुपालन एवं कृषि है और क्षेत्र में लगभग 2000 से ज्यादा परिवार पशुपालन से अपनी आजीविका चला रहे हैं,क्षेत्र में तीन पशु सेवा केंद्र चल रहे हैं जिसमें पिछले दो वर्षों से पशुधन प्रसार अधिकारियों के अन्य जगह स्थानांतरण हो जाने से पशु सेवा केंद्र में ताले लगे हैं,जिसकी वजह से क्षेत्र के पशुपालकों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है,पशुपालकों को पशुधन बीमा इलाज ,दवाई आदि के लिए लगभग 60 से 70 किलोमीटर दूर नौगांव के चक्कर काटने पड़ रहे हैं,जिला पंचायत सदस्य पूनम थपलियाल ने बताया कि इस संबंध में निदेशक पशुपालन एवं मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी उत्तरकाशी को पत्र आदि के माध्यम से भी अवगत कराया है,लेकिन अभी तक पशुधन प्रसार अधिकारी एवं डॉक्टर की नियुक्ति नहीं हो पाई जो की खेद का विषय है । क्षेत्र के पशुपालक रामलाल नौटियाल,अनुज, सोहनलाल आदि ने बताया कि पशुओं में बीमारी हो जाने पर एवं बीमा आदि के लिए 50 से 60 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है अगर नजदीक के पशु सेवा केंद्रों मेंअधिकारी उपलब्ध होता तो उनको इतनी अधिक दूरी तय नहीं करनी पड़ती ।
जिले के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी भरत दत्त डौढ़ियाल का कहना है कि हमारे पास पशु चिकित्सा अधिकारियों की कमी है , जल्द ही पशु चिकित्सकों को यहां तैनात किया जाएगा, प्रक्रिया चल रही है, शायद दिवाली तक हमें डॉक्टर मिल जाएंगे ।