ब्यूरो रिपोर्ट रोबिन वर्मा।
आज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा व वरिष्ठ कांग्रेस नेता अभिनव थापर ने कांग्रेस मुख्यालय, देहरादून में प्रेस-वार्ता कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 15 अगस्त 2019 के लाल-किले से भाषण के अंश को दिखाया जिसमें उन्होंने पूरे देश से Single Use Plastic (SUP) पर प्रतिबंध की अपील करी। प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) द्वारा उत्तराखंड के आबकारी विभाग को 18.01.2024 पर प्लास्टिक युक्त होलिग्राम की शिकायत पर तीन हफ्ते में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिये, किन्तु तीन हफ्ते बीत जाने के बाद भी आबकारी विभाग ने केंद्र सरकार के आदेशों पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं करी और आश्चर्यजनक रूप से प्रतिबंधित SUP नीति पर प्रधानमंत्री कार्यालय के आदेशों को दरकिनार कर 150 करोड़ प्लास्टिक होलोग्राम की प्रकिया जारी है।
उत्तराखंड के पर्यावरण को Irreversible Loss के लिए आबकारी विभाग उत्तराखंड द्वारा प्रतिबंधित – बैन सिंगल यूज प्लास्टिक (SUP) का 150 करोड़ होलोग्राम (लेबल्स) के टेंडर में घोर अन्नमित्ताओ पर तथ्यों के साथ पूर्व में पर्यावरणविद पद्मविभूषण सुंदर लाल बहुगुणा के जन्मदिवस पर कांग्रेस नेता अभिनव थापर ने 09.01.2024 को प्रेसवार्ता करी। यह कार्य केंद्र सरकार की प्रतिबंधित सिंगल उपयोग प्लास्टिक (SUP) बैन की नीति, प्रधानमंत्री कार्यालय व नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल नई दिल्ली द्वारा जारी (SUP) के प्रतिबंध की गाइडलाइंस के बिलकुल विपरीत है।
आबकारी विभाग उत्तराखंड ने 20.11.23 को उत्तराखंड में शराब की बोतलों में लगने वाली होलोग्राम का टेंडर निकाला जिसमे उन्होंने पॉलिस्टर Plastic युक्त 36 माइक्रोन का होलोग्राम की मुख्य मांग रखी जबकि केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF) कार्यालय द्वारा 30.06.2022 को जारी गाइडलाइन के अनुसार सिंगल यूज प्लास्टिक (SUP) 100 माइक्रोन से कम पर संपूर्ण रूप से प्रतिबंधित है और इन बिंदुओं पर कांग्रेस नेता अभिनव थापर ने 23.12.2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को पत्र दिया और उत्तराखंड में 150 करोड़ प्रतिबंधित Non–Biodegradable Plastic से होने वाले नुकसान के बारे मे अवगत कराया और इस टेंडर को निरस्त करने के लिए प्रत्यावेदन दिया। इस विषय पर प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा संज्ञान लिया गया और केंद्र के पर्यावरण मंत्रालय MoEF द्वारा SUP Ban की गाइडलाइन के अनुसार 3 हफ्ते में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश 18 जनवरी 2024 को दिए किन्तु आबकारी विभाग केंद्र के आदेशों को दरकिनार कर 5 वर्षो में 150 करोड़ Plastic लेबल के हजारों कुंतल प्लास्टिक के टेंडर पर हैरतअंगेज रूप से कार्य की प्रक्रिया गतिमान है।
कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा की ये वो खतरनाक plastic है जिसकों पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF) भारत सरकार, प्रधानमंत्री कार्यालय, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, नई दिल्ली व स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भी प्रतिबंधित-Ban किया गया है किन्तु फिर भी राज्य सरकार ने शायद किसी अनैतिक लाभ के लिए इन सब नियम कानून और प्रधान मोदी नरेंद्र मोदी के आदेशों का भी उलंघन करते हुए उत्तराखंड के पर्यावरण के लिये यह प्लास्टिक-जहर का कार्य करने का निर्णय लिया है।
कांग्रेस नेता अभिनव थापर ने कहा की उत्तराखंड की गंगा– यमुना जैसी तमाम नदीयों, वन आदि में प्रतिबंधित SUP (Single Use Plastic) के Non biodegradable 150 करोड़ प्लास्टिक लेबल पर्यावरण में जहर की तरह घुल जाएंगे । इन होलोग्राम से न सिर्फ उत्तराखंड के पर्यावरण को 300 वर्षों तक घनघोर ( Irreversible loss ) अपूर्णीय क्षति होने वाली है बल्कि प्रदेश के वन्य जीव , नदियों, झीलें, ग्लेशियर और अन्य पर्यावरणीय श्रोत्र पर गंभीर तरीके से संकट खड़ा होने वाला है। यह चिंतनीय विषय है की अगले 5 सालो में जब 150 करोड़ प्रतिबंधित प्लास्टिक लेबल जो, हजारों कुंतल प्लास्टिक होगी, जब वो हमारे वातावरण में जहर की तरह घुलेगी तो हिमालय के ग्लेशियर और नदियों पर कितना बुरा असर पड़ेगा और उत्तराखंड के हिमालय और नदियों से भारत के पर्यावरण को इसके नुकसान की चपेट में आयेगा किंतु केंद्र सरकार के 18.01.2024 को हस्तक्षेप के बाद भी अभी तक राज्य सरकार की आंख नहीं खुली है।
राज्य में इस पर्यावरण पर उत्तराखंड सरकार की गंभीर चोट से इस प्रेसवार्ता के माध्यम से कांग्रेस ने सरकार को यह चेतावनी देते हैं की यदि उत्तराखंड के पर्यावरण के साथ खिलवाड़ किया जाएगा और भारत सरकार की पर्यावरण नीति के खिलाफ भी राज्य सरकार काम करेगी तो हम उत्तराखंड के पर्यावरण को बचाने की लड़ाई लड़ेंगे व पूरे प्रदेश भर में कांग्रेस आंदोलन खड़ा करेगी ।
कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा की प्रधानमंत्री मोदी के आदेशों को दरकिनार कर उत्तराखंड के पर्यावरण को अपूर्णीय क्षति पहुंचाने वाले इन प्रतिबंधित प्लास्टिक (36 माइक्रोन के प्रतिबंधित SUP) के 150 करोड़ प्लाटिक होलोग्रामों की कार्यवाही किसके दबाव में गतिमान है ? क्या कोई अफसर, कोई कंपनी, कोई रिटायर्ड IAS अफसर के दबाव में प्रधानमंत्री मोदी के आदेशों को डबल इंजन सरकार द्वारा दरकिनार किया जा रहा है ? प्लास्टिक के इस जहर को घोलने वाले इस टेंडर को तत्काल निरस्त कर जांच बिठाई जाय, दोषी अफसरों पर कार्यवाही हो और किन कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए इतना बड़ा खेल हमारे पर्यावरण हिमालय, ग्लेशियर और नदियों को ताक पर रख कर किया जा रहा है, उनका भी नाम जनता के सामने लाया जाए। प्रेस वार्ता में महानगर अध्यक्ष डॉ जसविंदर सिंह गोगी, शीशपाल सिंह बिष्ट, नवनीत सती व नवीन जोशी ने भाग लिया ।