ब्यूरो रिपोर्ट रोबिन वर्मा।
रीप देहरादून के अंतर्गत सहसपुर के राजावाला में सक्षम सीएलएफ के माध्यम से ढाबे से रोजगार कि शुरुवात करने वाली सिमरन अब अच्छी आमदानी के साथ स्वरोजगार कर रही हैं, यह कहानी है राजावाला गांव कि एक महिला उद्यमि सिमरन कि जिन्होंने ‘रीप परियोजना की मदद से खुद को सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँचाया है। सक्षम सीएलएफ के माध्यम से, सिमरन ने अपने ढाबे की शुरुआत की, जहाँ वह अब रोज़ाना 2000 से 3000 रुपये काम रही है।सिमरन की कहानी एक प्रेरणा स्रोत है, उन्होंने अपने गांव में एक ढाबा शुरू किया है और रोज़ाना काम करते हुए, मेहनत करके वह अपने ढाबे का संचालन कर रही है, मेहनत और स्वादिष्ट भोजन बनाने की वजह से लोगों का पसंदीदा ढाबा बना है।सक्षम सीएलएफ के तहत सिमरन को उचित प्रशिक्षण और वित्तीय समर्थन मिला, जो उन्होंने अपने उद्योग को शुरू करने में उपयोग किया। उनकी मेहनत और दृढ़ता ने उन्हें सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँचाया है, और वह अब अपने गांव में एक उदाहरण हैं। सिमरन ने कहा कि “मुझे गर्व है कि मैंने अपने सपनों को पूरा किया और अपने गांव के लोगों को एक स्वादिष्ट विकल्प दिया। रीप परियोजना की मदद से, मैंने अपने काम को शुरु किया और आज हमारा रोजगार का साधन भी बन गया।