ब्यूरो रिपोर्ट।
बुधवार को अपर यमुना वन विभाग बड़कोट के अंतर्गत वन चेतना केंद्र बड़कोट में एक महत्वपूर्ण गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता प्रभागीय वनाधिकारी अ0य0व0प्र0 बड़कोट ने की। गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य वनाग्नि काल 2025 से पूर्व आवश्यक तैयारियों और वनाग्नि प्रबंधन की रणनीतियों पर चर्चा करना, मानव वन्य जीव संघर्ष न्यूनीकरण, एनटीआप्स, uttarakhand forest fire app एवं फील्ड स्तरीय समस्याओं पर था।
गोष्ठी में प्रभागीय वनाधिकारी, बड़कोट ने सभी वन कर्मियों को वनाग्नि प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की और महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए ,उन्होंने वनाग्नि की रोकथाम, समय पर प्रतिक्रिया और संसाधनों के कुशल उपयोग पर जोर दिया।
इसके अतिरिक्त उप प्रभागीय वनाधिकारी बड़कोट ने भी गोष्ठी में भाग लिया और सभी उपस्थित वन कर्मियों को वनाग्नि नियंत्रण और प्रबंधन से संबंधित आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने क्षेत्रीय वन कर्मियों को आग की रोकथाम के लिए सामुदायिक भागीदारी और आधुनिक तकनीकों के उपयोग की आवश्यकता पर बल दिया तथा पशु क्षति प्रकरणों में आ रही फील्ड स्तरीय कमी को सुधारने के आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किये। गोष्ठी में उपस्थित रेंज अधिकारियों ने भी फील्ड कर्मियों को वनाग्नि प्रबंधन का कुशलता से संपादन करने एवं फील्ड में आ रही दिक्कतों को उच्चाधिकारियों के सम्मुख प्रस्तुत किया।
इस गोष्ठी में वन विभाग के सभी क्षेत्रीय वन कर्मी (वन दरोगा, वन आरक्षी) उपस्थित रहे और उच्चाधिकारियों से प्राप्त निर्देशों एवं सुझावों को उनके द्वारा समझा गया एवं फील्ड स्तर पर उक्त निर्देशों/रणनीतियों को अनुसरण किया जाएगा।
गोष्ठी के अंत में प्रभागीय वनाधिकारी, बड़कोट ने सभी कर्मियों को आगाह किया कि वनाग्नि प्रबंधन में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो और समय पर उचित कदम उठाए जाएं।