रिपोर्ट अरविंद थपलियाल।
रंवाई घाटी पौराणिक पंरपराओं के लिये अपनी एक विशेष पहचान रखती है। आज विकासखडं नौगांव के कफनौल गांव में बाबा बौख नाग और धयेश्वर नाग की दो देव डोलियों का उत्सव अपने पौराणिक रितिरिवाज के साथ मनाया गया। देव डोलियों के उत्सव के दौरान गांव में रंवाई की संस्कृति के तहत तांदी नृत्य हुआ जिसमें स्त्री पुरूष पांरपरिक वेषभुषा में नजर आये और दोनो देव डोलियों श्रद्वालुओं के कंधो में नृत्य किया। बाबा बौख नाग और धयेश्वर नाग को शेष नाग का अवतार माना जाता है। देव उत्सव इतना भव्य रहा कि हजारों के संख्या में पंहुचे भक्त बैरागी बने थे। देव उत्सव के दौरान धयेश्वर नाग को एक वर्ष के लिये कफनौल थान के गृभागृह में विराजमान किया और धयेश्वर नाग के पासवा रामप्रकाश थपलिया ने देवता को स्थापित किया। कार्यक्रम पर कफनौल प्रधान चंद्रशेखर पंवार और सामाजिक कार्यकर्ता जवाहर सिहं चौहान ने बताया कि यह उत्सव पौराणिक मान्यताओं के अनुसार दो दिन तक चलेगा और उसके बाद बाबा बौख नाग को विदा किया जायेगा