ब्यूरो रिपोर्ट रोबिन वर्मा।
क्या आरोप लगाएं है मंत्री गणेश जोशी पर ?
आरटीआइ कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता विकेश नेगी ने कृषि मंत्री गणेश जोशी पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाते हुए करीब दो माह पूर्व विशेष न्यायाधीश (सतर्कता) मनीष मिश्रा की अदालत में एक प्रार्थना-पत्र दिया था। इसमें सतर्कता अधिष्ठान से कृषि मंत्री के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जांच का आग्रह किया गया था। न्यायालय की ओर से सतर्कता अधिष्ठान से इस संबंध में आख्या मांगी गई थी।
क्या कहना है मंत्री गणेश जोशी का इस आरोप को लेकर।
“न्यायालय की ओर से जो पत्र भेजा गया है, उस पर शासन को जवाब देना है। मेरी ओर से अपनी पूरी संपत्ति की जानकारी शासन को भेजी जा चुकी है। जब भी कोई प्रत्याशी चुनाव लड़ता है तो वह अपनी आय-व्यय की पूरी जानकारी अनिवार्य रूप से निर्वाचन कार्यालय को उपलब्ध कराता है।”
चुनाव हलफनामा के अनुसार बड़ी है विधायकों और मंत्रियों की संपत्ति। गणेश जोशी की चर्चाओं के बाद अब सोशल मीडिया पर सभी मंत्रियो की संपत्ति की जांच की मांग कि जा रही है।
सोशल मीडिया में एक यूजर टिपणी करते हुए लिखते हैं कि सिर्फ गणेश जोशी की ही जांच क्यों 2000 से अब तक बने अन्य विधायक और मंत्रियों की जांच क्यों नहीं।
एक अन्य यूजर लिखते हैं कि प्रदेश के अधिकतर विधायकों और सांसदों के मामले में आय से अधिक संपत्ति की जांच होनी चाहिए क्योंकि इस प्रदेश में किसी की आय बढी हो या ना बढी हो लेकिन मंत्रियों विधायकों और सांसदों की आय में वृद्धि देखने को मिली है।
उत्तराखंड सरकार में मंत्री गणेश जोशी का आय से अधिक संपत्ति के मामले में बयान सामने आया है। इस में मंत्री गणेश जोशी का कहना है कि उनके दामाद की संपत्ति आदि जोड़कर उनकी संपत्ति दिखाई गई है जबकि उनकी बेटी और दामाद उनसे अलग रहते हैं। इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि जब भी कोई विवाद होता है तो उन्हें इससे फायदा ही मिला है।
सोशल मीडिया में खूब सुर्खियां बटोर रहा नेताओं की आय से अधिक संपत्ति का मामला , अब देखना यह होगा कि क्या सिर्फ गणेश जोशी की ही जांच होगी या अन्य मंत्रियों और नेताओं की भी होगी , जो पहल आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा मंत्री गणेश जोशी की आय से अधिक संपत्ति को लेकर की गई , क्या आरटीआई कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता अन्य मंत्रियों और नेताओं की जांच की मांग करते हैं या यह मामला गणेश जोशी तक ही सीमित रहेगा।