ब्यूरो रिपोर्ट रोबिन वर्मा।
उत्तराखंड के कई जिलों के महाविद्यालयो में दान उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों को दान के महत्व के बारे में जानकारी प्रदान गई एवं दान देने के महत्त्व के बारे में बताया गया। इतिहास इस बात का साक्षी है की अनेकों राजाओं ने जरूरतमंदों को दान देकर उनकी सहायता की है। आज के दौर में जहां एक ओर स्वार्थिपन अपना प्रभाव छोड़ रहा है ऐसे में दान उत्सव कार्यक्रम के माध्यम से आज की नई युवा पीढ़ी को यह संदेश देने का प्रयास किया जा रहा है कि अपने धन के कुछ हिस्से को हम समाज के कमजोर वर्ग तक पहुंचा सकें।
उत्तराखण्ड में कार्यक्रम के संयोजक रमेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड के अल्मोड़ा, नैनीताल , टिहरी गढ़वाल, पिथौरागढ़, देहरादून , चमोली आदि जिलों में दान महोत्सव आयोजित किया गया। जिसका आयोजन 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक विभिन्न महाविद्यालयो में किया गया , विभिन्न जिलों में मनाए जा रहे दान उत्सव के अंतर्गत मलिन बस्ती में वस्त्रों का दान किया गया। विभिन्न जिलों में मनाए गए दान उत्सव के दौरान कई जिलों में वृक्षारोपण और कई मलिन बस्तियों में जरूरत की चीजे वितरित की गई , कई जिलों के आंगनबाड़ी में बच्चों को खिलौने भी वितरित किए गए साथ हि एनएसएस स्वयंसेवियों सहित छात्राओं ने कपड़े, कम्बल, खिलौने आदि सामान महाविद्यालय में एकत्र कर जरुरत मंद लोगो को वितरित किया गया।