रिपोर्ट रोबिन वर्मा
पिता की पुण्यतिथि पर बेटे ने पेश की अनूठी मिसाल :
हर साल पौधारोपण कर मनाते हैं पिता की पुण्यतिथि।
अपर यमुना वन प्रभाग बड़कोट के अंतर्गत नौगाव रेंज के वन क्षेत्राधिकारी साधु लाल पलियाल हर साल पिता की पुण्यतिथि पर पौधारोपण करके हरित तर्पण की मिसाल पेश करते हैं।
साधु लाल बताते हैं कि 14 जुलाई 2018 को उनके पिता स्वर्गीय श्री मोला की प्रथम पुण्यतिथि थी , उसी दिन से प्रत्येक वर्ष विभिन्न प्रजातियों के फलदार ,सजावटी एवं औषधीय पौधों का रोपण करके स्मृति वन वाटिका बनाते हैं जिसकी देखरेख वह खुद करते हैं !पिता की पुण्यतिथि पर बने स्मृति वन वाटिका से उनका भावनात्मक लगाव होता है जिसका परिणाम यह हुआ कि जितने भी वृक्षों का रोपण किया गया था वह सब के सब अब खूब फल फूल रहे हैं। इस दौरान उन्होंने बताया कि वह अब तक कुथनौर रेंज कार्यालय , नौगांव रेंज कार्यालय एवं विश्राम गृह बर्नीगाड़ आदि जगह स्मृति वन वाटिका बना चुके हैं। बर्नी गाड़ स्थित रेंज आवास व वन विश्राम भवन में मिश्रित वन की तर्ज पर कम जगह पर अधिक से अधिक प्रजातियों के पौधों क़ो रोपित किया गया है, एक ही साथ लगभग 30 प्रजातियों के फलदार, छायादार, औषधीय ,और शोभाकार प्रजातियों क़ो रोपित किया गया है, जिसमे बांज, देवदार, अनार, आंवला, अमरूद, खुबानी, प्लम, कनेर, तेजपत्ता, बॉटल ब्रूस, सिल्वर ओक, सौंणि,नींबू, सेब, रिठा, मोरपंखी और अन्य विभिन प्रजातियों क़ो रोपित किया गया है!
श्री पलियाल ने कहा कि ग्रामीणो क़ो अपने पूर्वजों की स्मृति हेतु गाँव के आसपास कहीं भूमि चयन करके चारापती, इमारती और औषधीय पादपों का रोपण करना चाहिऐ ताकि जंगलों पर स्थानीय लोगों की निर्भरता कम हो और मानव वन्यजीव संघर्ष में कमी आएगी! इस तरह की पहल हेतु युवा लोगों क़ो आगे आना चाहिऐ और वन विभाग से समन्वय बनाकर नवीन तर्ज पर ग्राम वन विकसित कर सकते हैं।
“अपने पूर्वजों का वन” नाम से संपूर्ण स्मृति वाटिका का संचालन किया जा सकता है!उन्होने कहा कि यदि किसी क़ो इस पहल हेतु मार्गदर्शन की आवश्यकता है तो वो विभागीय और व्यक्तिगत सहयोग करने हेतु तैयार है। इस पहल हेतु स्थल चयन, प्रजाति चयन और पौधों की देख रेख की रणनीति महत्वपूर्ण है।
बरसात के मौसम में ज्यादा से ज्यादा लगाए पौधे।
साधु लाल बताते हैं कि फलदार और औषधीय पौधे का रोपण बरसात के सीजन में अधिक से अधिक करना चाहिए। इस दौरान उन्होंने लोगों से अपील की है कि इस समय बरसात का मौसम चल रहा है और जन्मतिथि और पुण्यतिथि पर अपने आसपास के वन में स्मृति वन वाटिका बनाए और प्रत्येक वर्ष पौधारोपण करके जन्मतिथि और पुण्यतिथि मनाए। इसमें अधिक से अधिक छायादार व फलदार पौधों का का रोपण कर क्षेत्र को हरा-भरा बनाए।
पर्यावरण में संतुलन बनाए रखते है पौधे
वृक्षों से हमें छाया के साथ ही फल भी मिलते हैं और वृक्ष हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। साथ ही पर्यावरण को संतुलित करने में सहायक होते हैं। साथ ही कहा कि हमें पेड़ों के काटने बालों के खिलाफ अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करना चाहिए और लोगो को पेड़ न काटने को लेकर जागरूकता अभियान करते हुए पेड़ न काटने के लिए प्रेरित भी करना चाहिए।जिसमे जनता से पौधारोपण करने की अपील भी की है।