लेखक…..एक राठी …
आपने योद्धाओं के बारे में पढ़ा होगा,सुना होगा आज एक सच्ची कहानी आपका बताता हुं, गौर से पढ़िएगा
एक ऐसा योद्धा जो बीमार हुआ अस्पताल में एडमिट रहा उसके बाद मौत की जंग लड़कर लौटा उसके बाद स्वास्थ्य में बहुत गिरावट आई पर वो नहीं रुका अपनी लड़ाई जारी रखी उसकी तकलीफे यही नहीं रुकी फिर एक बार चोटिल हुआ पर वादा किया था पीछे नहीं रुकूंगा आगे बढ़ना है बस मन में था की लड़ाई जारी रहनी चाहिए दर्द में था पर माथे में एक सिकंद नही आप नही मानेंगे अपने परिवार को छोड़ बस लोगो को अपना परिवार माना और लगातार बना रहा लड़ता रहा योद्धा की तरह तब तक लड़ा जब तक हिम्मत रही ….
वो जंग वो योद्धा जरूर हार गया पर लोगो के दिल मे उसने राज किया और ये बता दिया की वो लड़ा था .. हर जंग में विजय मिले वो मुमकिन नही पर हां जब भी आपको लगे तो उस योद्धा के संघर्ष को महसूस करना और समझने की कोशिश करना की वो किस पीड़ा से गुजरा
…..एक राठी …