बच्चों को दें पौधों का उपहार यह शब्द मुझे कुछ लिखने को प्रेरित करते हैं, ताकि मैं आने वाली पीढ़ी को कोई संदेश दूं,
आज जब भी इन वृक्षों को देखती हूं तो लगता है ये कितने निस्वार्थ भाव से हमारी रक्षा कर रहे हैं।हमें जीवन दे रहे हैं।,,
हमारे जीवन को भोजन आवास सभी तरह से सुरक्षित करते हैं परंतु जब इनको कोई निर्मलता से काटता है तो बहुत पीड़ा होती है,न जाने क्यों लगता है कि कोई क्यों नहीं समझ पाता इनमें भी जीवन है वे भी अपना पूरा जीवन जीना चाहते हैं।,,
इनको लहराते देख मेरा मन बहुत खिल उठता है सोचते हो हर इंसान हर बच्चे के अंदर हमसे प्यार करने की इच्छा जागृत हो कभी सोचते हो आने वाला वक्त कितना भयानक होगा जब हम दूर इस इस तक इनको ना देख पाएंगे
सारा संसार बिल्डिंग इमारतों कारखानों में ही निर्मित हो जाएगा सांस लेना भी मुश्किल होगा।,,
विगत भयानक कल की एक स्मृति से मन कांप जाता है।
इसीलिए मेरा संदेश अपने बच्चों के लिए नई पीढ़ी के लिए अपने जीवन को बचाना है तो पहले इनको सुरक्षित रखो।
अपनी कलम को मैं यहीं विराम देती हूं जब कभी अंदर से लिखने को मन होगा तो मेरा मन के भाव खुद-ब-खुद कलम पर आ जाएगा।,,,
लेखिका
नीलम बड़थ्वाल सेवानिवृत्त वन क्षेत्राधिकारी