डामटा/उत्तरकाशी
रोबिन वर्मा।
ओलावृष्टि का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां तक कि ओलावृष्टि को रोकने के लिए एंटी हेलगन भी फेल हो गई और जहां पर हेलगन लगी है वहीं पर मंगलवार दोपहर बाद सबसे ज्यादा ओलावृष्टि हुई है। जनपद उत्तरकाशी के नौगांव ब्लॉक के अंतर्गत गोडर क्षेत्र के विभिन्न गांव में मंगलवार को भारी ओलावृष्टि हुए जिससे किसानों की सेब की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है, गोडर क्षेत्र के लोदन, ओड़गाँव, कंडारी, खमुंडी, ढूँइंक , नौगाव गोडर, गोदिन आदि गांव के भगवानों की सेब को भारी नुकसान पहुंचा है। ओलों का कहर इतना था कि सेब के फूलों के अलावा पत्तियां भी कटकर किनारे हो गईं और जहां पर सेटिंग हो चुकी थी, वहां पर सेब झड़ गया। कई बागबानों ने सेब की जालियां भी लगा रखी हैं, लेकिन समस्या यह है कि जहां कहीं भी ओलावृष्टि हो रही है, वहां जालियां भी काम नहीं कर पा रही हैं। ज्यादा ओलावृष्टि के कारण जालियां भी पेड़ पर दब रही हैं और इससे सेब के पौधों को ही नुकसान उठाना पड़ रहा है। सेब के अलावा इन क्षेत्रों में मटर की फसल को भी काफी अधिक नुकसान पहुंचा है। इस दौरान मंडल अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी दिनेश नौटियाल, सीताराम गौड़, समीर पंवार, रोबिन नौटियाल, मुकेश गौड़ ,सोबत सिंह चौहान आदि बागबानों ने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि जल्द से जल्द स्थानीय प्रशासन से नुकसान का आकलन करके मुआवजा दिया जाए। बागबानों का कहना है कि फसल बीमा के नाम पर बागबानों के खातों से जो पैसा काटा गया है, उसमें ओलावृष्टि से हुए नुकसान को भी जोड़ा जाए और राजस्व विभाग से नुकसान का आकलन करके बागबानों को उचित मुआवजा दिया जाए। इस समय मध्यम और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सेब की फसल में फ्लावरिंग जोरों पर चल रही है। ऐसे में बारिश के कारण इलाके में ठंड बढ़ गई है, जिससे सेब की सेटिंग पर भी असर देखने को मिल सकता है।