डा० राजेन्द्र कुकसाल( कृषि एवं उद्यान विशेषज्ञ)
प्रधानमत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने वर्ष 2022-23 तक, किसानो की आय को दोगुना करने का संकल्प लिया। किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु किसानों के हित में केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाओं की घोषणा भारी भरकम बजट के साथ की गई।
प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना ,पीएमकेएसवाई के योजना के तहत ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिस्टम लगाने के लिए सहायता प्रदान की जाती है,बागवानी मिशन की योजना इस योजना का मुख्य उद्देश्य औद्यानिक फसलौं का कल्सटर मैं उत्पादन कर स्थानीय कृषकों को आर्थिक रूप से सुदृण करना है ,परम्परागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) जैविक खेती को बढ़ावा देने का उद्देश्य से यह योजना संचालित की गई,फार्म मशीनीकरण योजना कृषि केआधुनिकीकरण और खेती कार्यों के कठिन परिश्रम को कम करने के लिए यह योजना शुरू की गई,
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बागवानी फसलों के लिए पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना लागू की जा रही है,पीएम किसान सम्मान निधि
इस योजना के माध्यम से किसानों को 6000 रुपये प्रतिवर्ष तीन समान किस्तों में प्रदान करने वाली आय सहायता योजना है,किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराना,परागण के माध्यम से फसलों की उत्पादकता बढ़ाने और आय के अतिरिक्त स्रोत के रूप में शहद उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से मधुमक्खी पालन योजना शुरू की गई।
केन्द्र सरकार की इन योजनाओं में उत्तराखंड राज्य के कृषकों के लिए हजारों करोड़ बजट का प्रावधान रखा गया तथा अनुदान राशि डीबीटी योजना के माध्यम से सीधे किसानों के खाते में डालने के निर्देश दिए गए*।
डीबीटी योजना का राज्य में नहीं किया गया अनुपालन।
प्रधानमंत्री माननीय मोदी जी का संकल्प है कि भारत सरकार द्वारा योजनाओं में दी गई अनुदान की राशि डीबीटी (D BT) के माध्यम से सीधे कृषकों के खाते में जमा हो ।
भारत सरकार के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय ने दिनांक 28 फरबरी- 2017 के द्वारा कृषि विभाग की योजनाओं में कृषकों को मिलने वाला अनुदान डी वी टी के अन्तर्गत सीधे कृषकों के खाते में डालने के निर्देश सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के कृषि उत्पादन आयुक्त, मुख्य सचिव, सचिव एवं निदेशक कृषि को किये गये।
उत्तरप्रदेश हिमाचल आदि सभी भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों में बर्ष 2017 से ही कृषकों को योजनाओं में मिलने वाला अनुदान डी बी टी के माध्यम से सीधे कृषकों के खाते में जा रहा है।
दलालों ( बीज दवा खाद आदि निवेश आपूर्ति करने वाले एजेंट ) ने निदेशालय एवं शासन में बैठे नौकरशाहों से मिल कर योजनाओं में डीबीटी को राज्य में अभी तक लागू नहीं होने दिया।
योजनाओं में चयनित कृषकों को स्वयं अपनी इच्छा अनुसार उच्च गुणवत्ता के निवेश (दवा बीज खाद आदि) क्रय करने की अनुमति होनी चाहिए तथा मिलने वाला अनुदान ईमानदारी से डी बी टी के माध्यम से सीधे कृषकों के खाते में जमा होना चाहिए तभी कृषकों को योजनाओं का लाभ मिल सकता है। कृषि सचिव ने डीबीटी लागू करने के आदेश निर्गत किए हैं किन्तु इन दिशा में विभागों ने ईमानदारी से प्रयास नहीं किए शासनादेश कर देने भर से डीबीटी लागू नहीं होगी।
योजनाओं में बीडीटी लागू होने से कई लाभ होंगे।
1.उद्यान / कृषि विभाग में दलाली पर रोक लगेगी।
2.किसानों को उचित दरों पर अच्छी गुणवत्ता वाला सामान मिलेगा जिससे किसान अधिक उत्पादन कर सकेंगे।
3.क्षेत्र विशेष में दवा बीज खाद आदि कृषि निवेश आपूर्ति हेतु स्थानीय पढ़ें लिखे बेरोजगारों को व्यवसाय करने एवं रोजगार के अवसर मिलेंगे।
राज्य में 8.38 लाख कृषकों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि प्रति बर्ष 06 हजार रुपए की धनराशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से प्रदान की जा रही है। किन्तु अन्य योजनाओं में उत्तराखंड राज्य में ऐसा नहीं होता यहां पर कृषि विभाग एवं उद्यान विभाग टेंडर प्रक्रिया दिखा कर निम्न स्तर का सामान उच्च दरों पर क्रय कर कृषकों को बांटते है। इससे कृषकों की आय तो दुगनी नहीं होगी हां नौकरशाह व दलालों ( निवेश आपूर्ति क्रताऔ ) की आय कई गुना बढ़ रही है।