रिपोर्ट अरविंद थपलियाल ।
पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन उत्तराखंड के प्रांतीय मीडिया प्रभारी और राष्ट्रीय कार्यारिणी सदस्य मनोज अवस्थी ने कहा है कि पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के नेतृत्व और राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु और उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष जीत मणि पैन्यूली के नेतृत्व में लगातार संघर्ष कर रहा है,यही वजह है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एनपीएस की समीक्षा की बात कही है मनोज अवस्थी ने कहा है कि आज सरकार मजबूर होकर इस तरह की बयान दे रही है,किंतु उत्तराखंड और पूरे देश के कार्मिकों को हूबहू पुरानी पेंशन चाहिए,मनोज अवस्थी ने कहा कि एनपीएस की समीक्षा करने के बजाए सरकार को अधिकारी, कर्मचारी,शिक्षकों को उनकी मांग के अनुसार पुरानी पेंशन बहाल कर देनी चाहिए,जिससे उनका बुढ़ापा सुरक्षित हो सके साथ ही उनको सामाजिक सुरक्षा भी मिल सके,सेवानिवृत्ति के बाद देखने को मिलता है की कई कर्मचारी होटल,ढाबा में और चाय का स्टाल लगाकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं,जो कि अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है सरकार को चाहिए कि 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों को उनके सेवानिवृत्ति के बाद स्वाभिमान के साथ अपना जीवन यापन करने का अधिकार मिल सके और वह अपने पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन करने के साथ साथ अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर सकें, अवस्थी ने बताया कि 16 अप्रैल को सभी जनपद मुख्यालयों में पुरानी पेंशन संवैधानिक मार्च का आयोजन किया जाना है जिसके लिए उत्तराखंड के शिक्षक अधिकारी और कर्मचारी लामबंद हो चुके हैं,और साथ ही सभी कर्मचारियों के साथ एनएमओपीएस के आंदोलन का संपर्क कार्यक्रम चल रहा है,मनोज अवस्थी ने बताया कि यदि सरकार 2024 से पहले पुरानी पेंशन बहाल नहीं करती है, तो वोट फॉर ओपीस का कार्यक्रम पूरे देश में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा,मनोज ने कहा कि यदि पुरानी पेंशन बहाल नहीं होती है तो 2024 में इसका परिणाम सामने आएगा,साथ ही 2024 से पूर्व होने वाले सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी इसका परिणाम देखने को मिलेगा उन्होंने कहा कि सरकार बार-बार एनपीएस की समीक्षा करके अथवा उसके परिणामों को देखते हुए लगातार एनपीएस में बदलाव के कारण ढूंढ रही है,लेकिन कर्मचारियों को हुबहू 2004 से पूर्व मिलने वाली पुरानी पेंशन ही चाहिए,मनोज अवस्थी ने बताया कि सरकार दबाव में है और निश्चित तौर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु की एक-एक बात सत्यार्थ प्रतीत हो रही है,बंधु जी ने पूर्व में भी यही बात कही थी कि पूरे देश में एक-एक करके संपूर्ण राज्य पुरानी पेंशन को बहाल करेंगे जिसका परिणाम राजस्थान,छत्तीसगढ़,झारखंड,हिमाचल, पंजाब और विभिन्न राज्यों में देखने को मिला है मनोज अवस्थी ने कहा है कि हरियाणा गुजरात उत्तराखंड और अन्य राज्य इस पर विचार कर रहे हैं,जो कि राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु की दूरदर्शिता नीति पर मुहर लगा रहे हैं,उन्होंने कहा कि 2024 से पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारिणी के आवाहन पर संपूर्ण कार्यक्रमों को पूरे मनोबल के साथ सफल किया जाएगा,इसके लिए पूरे देश में राष्ट्रीय कार्यकारिणी लगातार संघर्षरत है,सरकार कर्मचारियों की बात नहीं सुनेगी तो निश्चित तौर पर पूरे देश में परिणाम हिमाचल की तर्ज पर होगा,मनोज अवस्थी ने कहा कि सरकार आंदोलन को अपने स्तर पर बहुत हल्के में ले रही है किंतु पुरानी पेंशन बहाली का आंदोलन अब एक जनआंदोलन का रूप ले चुका है और निश्चित तौर पर सरकार को पुरानी पेंशन बहाल करनी होगी यदि सरकार इसमें ढील हवाली करती है,तो परिणाम 2024 तक सरकार को देखने को मिलेगा एक विधायक और सांसद 1 घंटे के लिए भी यदि बनता है तो वह पुरानी पेंशन बहाली का हकदार हो जाता है किंतु एक कर्मचारी 35 से 40 वर्ष की सेवा के बाद भी पुरानी पेंशन बहाली से वंचित हो जाता है,इससे को लोकतंत्र में कहीं भी सही नहीं ठहराया जा सकता है,विधायक और सांसद किसी भी पार्टी का हो यदि अपने वेतन वृद्धि की बात हो तो सब साथ हो जाते हैं किंतु यदि कर्मचारियों की पेंशन की बात आती है तो सभी अलग-अलग राग अलापने लगते हैं उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए की कर्मचारियों के बुढ़ापे की स्थिति को देखते हुए पुरानी पेंशन को तत्काल बहाल कर देना चाहिए यही सच्ची लोकतांत्रिक प्रक्रिया होगी।