रिपोर्ट – विरेन्द्र वर्मा
टिहरी जिले के विकासखण्ड जौनपुर के अंतर्गत अगलाड़ नदी में मनाए जाने वाले मौण मेले को लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही है।अगलाड़ नदी तट पर आयोजित होने वाले ऐतिहासिक मौण मेले के लिए औषधीय पौधे टिमरू का पाउडर बनाने का प्रावधान है जिसमें इस बार टिमरू का पाउडर तैयार करने की जिम्मेदारी सिलवाड़ पट्टी के जयद्वार तला, जयद्वार मल्ला, मसोन, सणब, कोटी, पाव, टटोर, चिलामू , फपरोग, बणगाँव, सुरासुं, खर्क, व खरसोन गाँव की है। इन सभी गांवों में पिछले 15 दिनों से टिमरू का पाउडर बनाने की प्रक्रिया चल रही है।मेले की खास बात यह है कि टिमरू के पौधे की छाल व पत्ते निकालकर इसे धूप में सुखाने के बाद भूनकर घराट में पीसा जाता है। तत्पश्चात इस टिमरू के पाउडर को मौण मेले में मछली पकड़ने के काम में लाया जाता है। आपको बता दें कि इस ऐतिहासिक मौण मेले का शुभारंभ 1866 में तत्कालीन टिहरी नरेश ने किया था, जौनपुर में निरंतर 156 वर्ष पूर्व से चली आ रही इस परंपरा को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।हालांकि कोरोना महामारी के चलते 2 वर्ष यह मौण मेला स्थगित किया गया था, लेकिन इस बार आगामी 26 जून को भारी उत्साह के साथ राज मौण मेला मनाया जाएगा।