रिपोर्ट रोबिन वर्मा।
आज भी ऐसे डॉक्टरों की कमी नहीं है, जो मरीजों का उपचार करने के साथ साथ इंसानियत का दायित्व भी निभा रहे हैं। ऐसे चिकित्सक सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। ऐसे चिकित्सक दंपति है डॉक्टर सुनील सैनन और उनकी पत्नी डॉ वीनू सैनन । डॉक्टर दंपत्ति ने बताया कि 2008 से डिवाइन लाइट ट्रस्ट सक्रिय रुप से समाज सेवा में लगा हैं डॉक्टर दंपति ने बताया है कि अपने कैरियर में अब तक लगभग 2000 कैंप लगा चुके हैं जिसमें लगभग डेढ़ लाख मरीजों का निशुल्क उपचार किया गया।आपको बता दें कि करोना काल के दौरान डॉक्टर दंपत्ति के द्वारा 8000 N95 मास्क मसूरी और मसूरी के आसपास के क्षेत्र में बाँटे गए और मसूरी के सरकारी हॉस्पिटल के लिए आवश्यक दवाई एवं उपकरण भी दिए गए. । डॉक्टर दंपति का प्रयास रहता है कि पर्वतीय क्षेत्र एवं गांव की तरफ चिकित्सा सुविधाएं आसानी से मरीजों को मिल सके। डॉक्टर सुनील सैनन ने अगस्त 1974 में चेतना पत्रिका में एक नारा दिया था ” गांव के लिए शहर छोड़ो”।
सेना के लिए प्रशिक्षण ले रहे युवक एवं युवतियों की मदद के लिए आगे आया ट्रस्ट।
उत्तरकाशी जिले के गंगनानी बड़कोट में सेना भर्ती के लिए प्रशिक्षण ले रहे युवक-युवतियों की मदद के लिए डिवाइन लाइट ट्रस्ट की चेयरमैन बीनू कुमार सैनन और उनके पति डॉ सुनील सैनन ने मदद के लिए हाथ बढ़ाएं हैं और युवक-युवतियों के लिए प्रशिक्षण दे रहे रिटायर्ड सैनिक राजेश सेमवाल को ‘जय हिंद’ समान के रूप में एक लाख का चेक और प्रशिक्षण ले रहे युवक-युवतियों के लिए फरवरी से अप्रैल तक का खाने का खर्चा ट्रस्ट उठाएगा जोकि प्रशिक्षण ले रहे युवक-युवतियों के खाते में ट्रांसफर किया जाएगा।