अगर हौसले बुलन्द हों तो कोई भी काम नामुमकिन नहीं है. इस बात को सच कर दिखाया है उत्तराखंड के जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर के बिरेंद्र चौहान ने, उन्होंने चार अलग-अलग जगह बगीचे तैयार किए. जिसमें वह सेब की खेती करते हैं. उनके बगीचे में फलों की बागवानी खूब अच्छी चल रही है जौनसार बावर में वीरेंद्र चौहान अपनी सेब की बागवानी के लिए प्रसिद्ध हैं.
लोग उन्हें एप्पल मैन के नाम से जानते हैं. वीरेंद्र चौहान ने उद्यान मंत्री गणेश जोशी एवं उद्यान विभाग देहरादून का आभार व्यक्त किया और उन्होंने कहा कि मुझे एक सफल बागवान बनाने मे उद्यान विभाग देहरादून के द्वारा बहुत सहयोग किया गया, एप्पल मिशन योजना की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं उद्यान मंत्री गणेश जोशी के किसानों की आय दोगुनी करने के सपने को एप्पल मिशन योजना साकार कर रही है , साथ ही बताया कि उद्यान विभाग देहरादून के द्वारा उपलब्ध कराए गए सेब के पेटियों की क्वालिटी पहले की अपेक्षा काफी अच्छी देखने को मिल रही है, एप्पल मेन वीरेंद्र चौहान ने कहा कि वह तीन सालों से सेब की खेती से लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं. बिरेंद्र चौहान अब तक पांच सेब के बगीचे लगा चुके हैं, आगे भी प्रयास जारी है।
आपको बता दें कि बिरेंद्र चौहान ने देहरादून जनपद के क्वाँशि, जोगियो में सेब की सघन बागवानी लगाकर खेती में एक नई मिसाल पेश करते हुए बागवानों को नई राह दिखाई है। लगभग 5000 सेब के पेडों की सघन बागवानी से शुरुआत कर जैविक खाद से पोषण देने के साथ अच्छे से देखभाल की, इतने कम समय के अंतराल में सेब के पौधे फलों से इस तरह लद गए हैं जिन्हें देखकर मन बहुत प्रसन्न हो जाता है। जब हमारे दैनिक देवपथ के संवाददाता रोबिन वर्मा ग्राउंड जीरो पर बागवानी का जायजा लेने पहुंचे तो बिरेंद्र चौहान ने बताया कि
उबड़ खाबड़ बंजर खेतों में हमारे लिए यह कार्य करना बड़ा चैलेंज था लेकिन यदि हौसले बुलंद हो तो मंजिल एक दिन अवश्य मिल जाती है इस मिशन को लेकर आगे बढ़े और इतने कम समय में जो परिणाम सामने आया है वह वास्तव में आश्चर्यजनक है, उन्होंने बताया कि पहाड़ों में बहुत तेजी से रोजगार को लेकर लोग पलायन कर रहे हैं और अधिकांश भूमि बंजर पड़ गई है जिसमें बागवानी के क्षेत्र में इस तरह के प्लांट लगा कर पलायन पर भी रोक लग सकती है और साथ में घर पर रहकर अच्छा रोजगार भी प्राप्त कर सकते हैं।