रिपोर्ट अरविंद थपलियाल ।
एक तरफ भारत में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है और दूसरी ओर उत्तराखंड में छात्रों का भविष्य अंधकार में है,मामल प्रखडं नौगांव के गुलाडी़ प्राथमिक विधालय का है जो इन दिनों बंद पडा़ हुआ है अब अभिभावकों के सामने यह समस्या है कि वह अपने नौनिहालों का दाखिला कहां करें। बतादें कि बनाल के गुलाडी़ का प्राथमिक विधालय छात्र संख्या की वजह से बंद हो गया था। लेकिन ग्राम पंचायत के प्रयासों दुबारा इस विधालय को खोलने की पहल की गयी जिससे गरीब छात्र अपना पठन पाठन यहां करवा सकें। गुलाडी़ के प्रधान सुखदेव नौटियाल ने बताया कि वह जिले के अधिकारीयों से लेकर शासन तक गुहार लगा चुके हैं लेकिन अभीतक विभाग ने छात्रों के भविष्य की सुध नहीं ली जा रही है। प्रधान नौटियाल ने बताया कि यहां अभी 15से20छात्रों के दाखिले होने हैं जो विभाग की लापरवाही से अभी इंतजारी कर रहे हैं। अब सवाल इस बात को लेकर है कि क्या यह छात्र अनपढ रहेंगें या कोई सुध लेगा। मामला गंभीर है और इतने गंभीर मामले पर शिक्षा विभाग मौन है। इस मामले की गंभीरता को जिला अधिकारी अभिषेक रूहेला को भी समझना चाहिए कि आखिर इन गरीब छात्रों का भविष्य कितना महत्वपूर्ण है।