डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है। यह दिन वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रदान करता है इसलिए इस दिन को योग के लिए चुना गया। पहली बार यह दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया, जिसकी पहल भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण से की थी, जिसके बाद 21 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ घोषित किया गया।
बाबा रामदेव का नाम रामकृष्ण यादव था, सन्यासी बनने के बाद उन्होंने अपना नाम स्वामी रामदेव रख लिया. बाबा जन्म 26 दिसम्बर 1965 महेंद्रगढ़. हरियाणा माता पिता गुलाबो देवी,राम यादवरामदेव स्कूल में पढाई उन्होंने आठवी तक की, उसके बाद उन्होंने अलग – अलग गुरुकुल और गुरुओं के आश्रम में जाकर घर्म, वेद, ग्रंथों, योग और साहित्य के बारे में गहन चिंतन किया. हरियाणा के खानपुर गाँव के एक आश्रम में रहने के दौरान वे वहां के लोगों को मुफ्त में योग की शिक्षा दिया करते थे. इसके बाद वे हरिद्वार चले गए और वहां के कांगरी विश्वविद्यालय एवं गुरुकुल में प्राचीन भारतीय शास्त्र का ज्ञान कई सालों तक अर्जित किया. जनवरी 2007 में भुवनेश्वर की कलिंगा यूनिवर्सिटी के द्वारा डोक्टरेट की उपाधि दी गई.जनवरी 2011 में महाराष्ट्र सरकार द्वारा सम्मानित किया गया.अप्रैल 2015 में हरियाणा सरकार ने उन्हें योगा व आयुर्वेद का ब्रांड एम्बेसडर बना दिया.आईआईटी व एमिटी के द्वारा मानद डोक्टरेट की उपाधि दी गई है.हमारे देश की जानी मानी हस्ती है. उन्हें देश विदेश सभी जगह जाना पहचाना जाता है. स्वामी रामदेव के द्वारा ही देश विदेश में योग को इतना जाना पहचाना गया. स्वामी रामदेव को आध्यात्म गुरु या नेता भी कहा जाता है, इन्हें आयुर्वेद, राजनीती में भी विशेष ज्ञान है. बाबा रामदेव एक ऐसे गुरु है, जिन्होंने भारत के लोगों को स्वदेशी चीजें उपयोग करने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने पतंजलि योगपीठ व पतंजलि आयुर्वेद का निर्माण किया. स्वामी रामदेव एक बहुत अच्छे कथावाचक भी है.योग गुरु बाबा रामदेव एक ऐसा नाम है, जो अब शायद किसी परिचय का मोहताज है. योग को नये रूप में दुनियाभर में पहुंचाने का श्रेय योग गुरु बाबा रामदेव को जाता है. बाबा रामदेव की योग में तमाम उपलब्धियों को देखते हुए ही उन्हें योग गुरु कहा जाता है. एक छोटे से परिवार में जन्मे योग गुरु रामदेव आज योग के कारण दुनिया भर में जाने जाते हैं. इतना ही नहीं वे देश के जाने माने धनाढ्य लोगों से भी एक हैं. पतंजलि योगपीठ ब्रांड को लेकर आगे बढ़े स्वामी रामदेव की कंपनी की स्थिति आज ऐसी है कि हिंदुस्तान लीवर जैसी कंपनियां भी उनसे घबरा रही हैं. बाबा की नेटवर्थ से लेकर उनके रहन-सहन का स्टाइल किसी से छुपा नहीं है. कभी साइकिल में चलने वाले योग गुरु स्वामी रामदेव आखिरकार कैसे इतने बड़े साम्राज्य के कर्ताधर्ता हैं. आज हरिद्वार ही नहीं देश के तमाम जगहों पर बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि अपनी छाप छोड़ रही हैं. उनको करीब से जानने वाले लोग आज भी बताते हैं कि कुछ समय पहले बाबा रामदेव और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण हरिद्वार के कनखल स्थित आश्रम में चंद लोगों को योग सिखाते थे. साथ ही ये दोनों साइकिल पर आयुर्वेदिक दवाइयों को बेचा करते थे. हरिद्वार स्थित कनखल के दो कमरों के आश्रम से स्वामी रामदेव ने अपनी शुरुआत की थी. आज से लगभग 22 वर्ष पहले स्वामी रामदेव सिर्फ हरिद्वार और हरिद्वार के कनखल तक ही अपनी पहुंच रखते थे, मगर आज बात कुछ और है. आज योग गुरु स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की पहुंच का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि पतंजलि योगपीठ के सीईओ आचार्य बालकृष्ण का नाम देश के 10 सबसे अमीर इंसानों में आता है. 2017 में चीन की जानी मानी पत्रिका में इस बात का खुलासा हुआ था. आचार्य बालकृष्ण का नाम हम इसलिए ले रहे हैं. क्योंकि योग गुरु रामदेव का सीधे तौर पर अपने संस्थान में कहीं भी नाम नहीं है. आचार्य आचार्य बालकृष्ण ना केवल साइनिंग अथॉरिटी हैं. बल्कि बाबा रामदेव के यहां तक के सफर में उनका चोली दामन का साथ रहा है. बाबा रामदेव ने अपने साम्राज्य को खड़े करने की शुरुआत छोटे-छोटे योग कैंप से की थी. शुरुआती दिनों में योग गुरु रामदेव के कैंप में जितने भी लोग आते उन्हें रामदेव फ्री में योग सिखाते थे. आज आलम यह है कि योग गुरु रामदेव जिस शहर जिस राज्य में जाते हैं, वहां भी लाखों रुपए कमाते हैं. हरिद्वार स्थित उनके आश्रम में योग कैंप में शामिल होने वाले लोगों को अच्छी खासी फीस देनी पड़ती है. योग से शुरुआत करने वाले स्वामी रामदेव की नेटवर्थ आज लगभग 1400 करोड़ रुपए है. बताया जाता है कि स्वामी रामदेव की यह कमाई योग, एमएससीजी बिजनेस और पतंजलि योगपीठ द्वारा अलग-अलग कार्यों से होती है. बाबा ने बीते दिनों खुद कहा था की उनका टर्नओवर लगभग 25 हजार करोड़ रुपए है. एक अनुमान के मुताबिक पतंजलि आयुर्वेदिक संस्थान ने 2019 और 2020 में 425 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया. जिसके बाद स्वामी रामदेव ने देश की जानी-मानी रुचि सोया कंपनी को खरीदने का फैसला लिया था. घाटे में चल रही इस कंपनी को जब स्वामी रामदेव ने खरीदा उसके बाद इसके दिन फिर गये. अक्टूबर से दिसंबर तक स्वामी रामदेव ने रुचि सोया कंपनी से लगभग 227 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया. आज रुचि सोया कंपनी की कमाई लगभग 4475 करोड़ से अधिक हो गई है.मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा समय में योग गुरु स्वामी रामदेव की कुल संपत्ति या यह कहें कि पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के पास और दिव्या फार्मेसी के पास लगभग 43000 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति है. इतना ही नहीं चीन की पत्रिका ने बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण की संपत्ति को 70000 करोड़ रुपए दर्शाया था. योग और आयुर्वेद से बाबा रामदेव ही नहीं बल्कि आचार्य बालकृष्ण भी मालामाल हुए हैं. आचार्य बालकृष्ण द्वारा खड़ी की गई दिव्य योग फॉर्मेसी, अनाज से लेकर घरेलू से लेकर वे तमाम उत्पाद बाजारों में बेच रही है. जिसकी जरूरत हर एक इंसान को होती है. कपड़े से लेकर रुचि सोया तक में बाबा रामदेव ने इन्वेस्ट किया हुआ है. यही कारण है कि बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की यह संस्था हर दिन नए मुकाम हासिल कर रही है. योग गुरु स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण का सफर इतना आसान नहीं रहा.बीते 2014 से पहले योग गुरु स्वामी रामदेव के ऊपर लगभग 100 से अधिक अलग-अलग मामलों में मुकदमे दर्ज थे. इतना ही नहीं पासपोर्ट मामले में तो आचार्य बालकृष्ण पर सीबीआई तक ने शिकंजा कसा. ऐसे तमाम मामलों में आचार्य बालकृष्ण और योग गुरु स्वामी रामदेव के ऊपर एजेंसियों ने केस दर्ज किए. हालांकि, रामदेव हमेशा से यह कहते हैं कि उनकी दिव्य फॉर्मेसी हो या पतंजलि योगपीठ, इनसे जो भी पैसा आता है वो सारा चैरिटी में जाता है. मौजूदा समय में योग गुरु स्वामी रामदेव के पास हरिद्वार के कनखल स्थित दिव्य फॉर्मेसी में आलीशान बंगला है. हरिद्वार के ही पुराने इंडस्ट्री एरिया में दो बड़ी इंडस्ट्री हैं. जिसमें सैकड़ों लोग काम कर रहे हैं. हरिद्वार दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर भव्य पतंजलि योगपीठ है. दूसरी तरफ रिसर्च सेंटर के अलावा पतंजलि योगपीठ फेस टू है.हरिद्वार स्थित ग्रामीण इलाके में सारी शानों-शौकत वाला योग ग्राम हैं. इसके साथ ही मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, हरियाणा, पंजाब जैसी जगहों पर बड़ी कंपनियां बाबा रामदेव की हैं. बाबा रामदेव के उत्पादों के सेंटर देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हैं. हरिद्वार में ही पतंजलि गौशाला है. हरिद्वार लक्सर रोड पर भव्य पतंजलि फूड पार्क है. इसे देश का सबसे बड़ा फूड पार्क भी कहा जाता है. आरोग्यम मल्टीस्टोरी मेगा हाउसिंग प्रोजेक्ट भी यहीं है. योग गुरु स्वामी रामदेव आज आलीशान गाड़ी से चलते हैं. समय-समय पर उनके पास नीला चॉपर देखा जाता है. बाबा रामदेव को केंद्र सरकार ने भारी सुरक्षा दी हुई है. इसके साथ सीधे-साधे दिखने वाले आचार्य बालकृष्ण भी किसी से कम नहीं हैं. वे भी लगभग 90 लाख की महंगी लग्जरी कार से चलते हैं.कुल मिलाकर कहें तो योग के जरिये बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने आज ऐसा मुकाम हासिल किया है जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता. अपने अंदाज, मेहनत और योग के जुनून ने बाबा रामदेव को आज योग गुरु बना दिया. वहीं, बात अगर आचार्य बालकृष्ण की करें तो वे आज देश के सबसे अमीरों में गिने जाते हैं. बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण आज भी देश के साथ ही दुनिया में योग के प्रचार प्रसार में लगे हैं. संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को 185 से ज्यादा देशों ने प्राथमिक तौर पर समर्थन किया है। आज आठवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है. भारत ही नहीं दुनियाभर में योग दिवस की धूम है. पीएम के साथ देश के अलग-अलग हिस्सों में ऐतिहासिक और सांस्कृति महत्व के 75 ठिकानों पर मोदी सरकार के 75 मंत्रियों ने भी योग किया. तमाम राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी योग किया.लेखक के निजी विचार हैं वर्तमान में दून विश्वविद्यालय कार्यरतहैं।